03 अप्रैल 2011

क्या आप एक से ज्यादा ब्लॉग पर एक ही लेख लिखते हैं ?

नमस्कार ब्लोगरों,

मैंने कुछ ब्लोगरों को हमेशा शिकायत करते हुए पाया है, कभी ब्लॉग एग्रीगेटरों से कभी गूगल, याहू से | एक ब्लोगर की शिकायत थी कि
फलां ब्लोगर ने मात्र ५ लेख लिखे हैं उसके बाबजूद उसके पेज को गूगल ने २ रैंक दे दी है और मेरे ब्लॉग पर प्रतिदिन कई ब्लॉग प्रकाशित होते हैं फिर भी मेरे पेज की रैंकिंग अभी तक जीरो ही है |
संभव है कि आपके साथ भी यही समस्या हो | असल में इस समस्या के पीछे एक तकनीकी कारण है किसी प्रकार का भेदभाव नहीं, और संभव है कि आपको तकनीकी जानकारी ना हो और आपकी गलतियों की वजह से गूगल आपके पेज की रैंक ना बढ़ा पा रहा हो|
असल में मुझे किसी के ब्लॉग से कोई दिक्कत नहीं है, पेज रैंक बढे न बढे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता पर इससे हिन्दी को नुकसान होता है| आज की तारीख में सबसे ज्यादा हिन्दी डाटा हिन्दी ब्लोगों के जरिये ही उत्पन्न हो रहा है पर उससे सर्च इंजनों की नजर में हिन्दी की महत्वता नहीं बढ़ रही है क्यूंकि पूरा का पूरा डाटा एक कूड़े के रूप में अंतरजाल पर जमा हो रहा है और उससे पैटर्न बना पाना मुश्किल हो रहा है| यही कारण है कि अभी तक गूगल एडसेंस हिन्दी के ब्लोगों को सही एड प्रदान नहीं कर पा रहा है तथा गूगल एडवर्ड हिन्दी के कीवर्ड के बारे में कोई आंकड़े नहीं जुटा पा रहा है|
यूँ तो इन बातों के कई कारण होते हैं, इनमें से एक कारण है डुप्लिकेट सामग्री : आप में से कुछ मेरी बात नहीं मानेंगे इसलिए यह लिंक दे रहा हूँ, इस बारे में पूरी जानकारी आप यहाँ पर पा सकते हैं , इस लिंक पर जो भी दिया गया है उसको में आपको अपने शब्दों में समझा रहा हूँ, उम्मीद है आपको समझने में आसानी होगी

डुप्लिकेट सामग्री से क्या होता है और सर्च इंजन को इनसे क्या नुकसान होता है ?
मान लेते हैं कि आपको गूगल में ताजमहल ढूँढना है तो यदि कोई ऐसी बेबसाइट है जो कि सिर्फ ताजमहल से ही सम्बंधित है जैसे कि http://www.tajmahal.com, तो जाहिर है कि इस साइट में सिर्फ और सिर्फ ताजमहल से सम्बंधित बहुत जानकारी होगी यह भी संभव है कि इस साईट के लगभग हर पेज पर ताजमहल कीवर्ड आता हो | ऐसी स्थिति में यदि आपके सर्च करने पर गूगल सिर्फ इसी साईट के ५०-७० पन्नों को अपने सर्च रिजल्ट में टॉप पर दिखाए पर याहू सिर्फ एक रिजल्ट इस साईट से दिखाए तथा बाकी रिजल्ट अन्य साईट से दिखाए जिसमे ताजमहल शब्द का प्रयोग किया गया हो, तो अगली बार आप भूल कर भी गूगल पर सर्च नहीं करेंगे और गूगल बंद हो जायेगा| इसलिए सर्च इंजन डुप्लिकेट सामग्री को महत्त्व नहीं देते|

क्या करते हैं सर्च इंजन डुप्लिकेट सामग्री से बचने के लिए?
जब भी किसी सर्च इंजन को डुप्लिकेट सामग्री मिलती है (एक वाक्य भी) तो सर्च इंजन यह मानता है कि लेखक ने अपने पेज की रैंकिंग बढ़ाने के लिए तथा सर्च इंजन के प्रयोक्ताओं को सही सर्च से भटकाने के लिए इस सामग्री को एक से ज्यादा जगह पर लिखा गया है ऐसा होने पर सर्च इंजन उस पेज की रैंक को ना सिर्फ कम करता है बल्कि अपनी लिस्ट से हर उस पेज को भी हटा देता है, जिस पर डुप्लिकेट सामग्री होती है, जिस स्थिति में आपका पेज सर्च इंजन में दिखाई ही नहीं देगा भले ही पूरा का पूरा लेख ही क्यूँ ना सर्च कर लिया जाए |

एक बात याद रखिये कि अधिकतर ब्लोगर या तो blogger.com का प्रयोग करते हैं अथवा wordpress.com पर लिखते हैं, अतः इन पर लिखी जाने वाली सामग्री सर्च इंजन में एक ही डोमेन के नाम से सम्मिलित की जाती है, जिससे सर्च इंजन को यह भ्रम होता है कि एक ही डोमेन पर कई बार सामग्री को डुप्लिकेट किया जा रहा है, और इसका नतीजा सभी ब्लोगों को भुगतना पड़ता है |

मैंने कई ब्लोगरों को अपने ब्लॉग में यह लिखे हुए देखा है कि हम हिन्दी की सेवा करना चाहते हैं इसलिए हिन्दी में लिखते हैं तो याद रखिये - यदि आप सच में हिन्दी की सेवा करना चाहते हैं तो एक ही लेख को कई जगह मत लिखिए | यह आपके लिए औरों के लिए तथा हिन्दी के लिए अच्छा होगा और यदि हर ब्लोगर इन नियमों का पालन करने लगे तो जिस दर से आज लेख लिखे जा रहे हैं उस हिसाब से वह दिन दूर नहीं जब हिन्दी के लिए भी एड उपलब्ध होने लगेंगे और हिन्दी के ब्लोगर गरीब नहीं रहेंगे |

उम्मीद है आपको समझ में आया होगा कि डुप्लिकेट सामग्री कितनी खतरनाक होती है, अगले लेख में बताया जायेगा कि आप कैसे अपने ब्लॉग को गूगल में सम्मिलित करें | पर सम्मिलित करने से पहले यह जरूर ध्यान दें कि कहीं आपका ब्लॉग डुप्लिकेट सामग्री से भरपूर तो नहीं है क्यूंकि ऐसा होने पर आपके ब्लॉग को गूगल से ब्लोक कर दिया जायेगा और एग्रीगेटरों पर तो आपको दुबारा अपना ब्लॉग सम्मिलित करने का मौका मिल भी सकता है पर गूगल पर दुबारा छः महीने से पहले नहीं मिलेगा | तो यदि आप एक से ज्यादा ब्लॉग पर एक ही लेख लिखते हैं तो अब भी मौका है संभल जाइये :)

26 टिप्‍पणियां:

  1. .
    सरल शब्दों में महत्वपूर्ण जानकारी ।
    बल्कि सभी ब्लॉगर्स के जानना आवश्यक है ।

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  2. आभार इस जानकारी के लिये।

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  3. योगेंद्र पाल जी,
    आप की ये पोस्ट हिंदी ब्लॉगिंग के लिए मील का पत्थर है...

    साथ ही उन लोगों की आंखें भी खुल जानी चाहिए जो एक ही पोस्ट को कई ब्लॉग पर डालने से रोकने के लिए हमारी वाणी को कोस रहे हैं...

    जय हिंद...

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  4. इस पोस्ट के लिए आभार!
    लोगों की आँखें तो खुलें।

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  5. बहुत काम की जानकारी...

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  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  7. बहुत ही बेहतरीन जानकारी...

    इसमें एक बात और भी महत्वपूर्ण है... सभी ब्लोगर अक्सर अपने टेग में वही शब्द लिखते हैं जो कि पोस्ट में पहले ही कई बार लिख चुके होते हैं. इससे भी गूगल और अन्य सर्च इंजन उन ब्लोग्स को सर्च में नहीं दिखाता है. जबकि टेग में वह शब्द लिखने चाहिए जो कि पोस्ट के विषय से सम्बंधित तो हों लेकिन उनका ज़िक्र पोस्ट में नहीं हो पाया हो. साथ ही देवनागरी के साथ-साथ टेग में अगर शब्दों को रोमन में भी लिख दिया जाए तो सर्च इंजन से पाठकों को आने में और भी सुविधा होगी. मैंने ब्लोगिंग पर एक विस्तृत लेख लिखा है, जो कि एक पुस्तक में प्रकाशित हो रहा है. जल्द ही उसे अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करूँगा...

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  8. यह तो मैं भी अरसे से कहता आ रहा हूँ कि एक ही सामग्री को नेट पर बारंबार प्रकाशित कर और ज्यादा कूड़ा न फैलाएँ. कुछ विशिष्ट परिस्थिति को छोड़कर रचनाकार पर प्रकाशनार्थ रचनाओं के लिए पहली और प्रमुख शर्त भी यही है.

    उम्मीद है इस लेख से लोगों के भ्रम टूटेंगे.

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  9. सभीके लिये उपयोगी जानकारी । आभार ब्लागर्स साथियों के इस ज्ञानवर्द्धन के लिये...

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  10. आपने बहुत अच्‍छी जानकारी दी है। आपके ब्‍लाग पर अब नित्‍य आना पड़ेगा आपका आभार।

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  11. योगेन्द्र जी,

    मैने तो पूरा का पूरा एक ब्लॉग 'सुबोध' ही अपने सुज्ञ ब्लॉग के आलेखों के संकलन के लिए बना रखा है। एक कॉपी की तरह ही।
    बताईए अब क्या किया जाना चाहिए।

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  12. @सुज्ञ जी,

    मैंने आपके ब्लॉग देखे पर मुझे किसी लेख में कोपी नहीं दिखाई दी, पर अब भी कोई बात नहीं है, आप यह देखिये कि आगे से यह ना करें |

    वैसे भी अनजाने में किये गयी गलती को गलती नहीं कहा जाता, यदि आप अपने सभी लेखों को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो उनको अपने कम्प्यूटर में सेव करके रखें, सबसे सुरक्षित तरीका यही होता है |

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  13. धन्यवाद, योगेन्द्र जी,

    यदा कदा ब्लॉग देखकर तकनिक सम्बंधी सलाह देते रहें तो आभारी रहूँगा।
    मैं वह हर तरीका अपनाना चाहूंगा जिससे पाठक सामग्री पढे, भले कमेंट करे अथवा नहीं।

    आपको जो भी आवश्यक लगे, सुधार निसंकोच सुझाएं।

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  14. योगेन्द्र जी यथार्थ का वर्णन किया आप ने हम इसके शिकार भी हुए हैं लगता है क्योंकि एडसेंस हमारे एक ब्लॉग में गूगल द्वारा स्वीकार नहीं किया गया साईट स्क्रिप्टिंग सा कुछ मेसेज आया था कुछ एड दिखाना शुरू था हटा लिया गया अब रैंक शून्य दिखाता है सुझाव हो तो कुछ बताएं
    सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  15. योगेन्द्र जी यथार्थ का वर्णन किया आप ने हम इसके शिकार भी हुए हैं लगता है क्योंकि एडसेंस हमारे एक ब्लॉग में गूगल द्वारा स्वीकार नहीं किया गया साईट स्क्रिप्टिंग सा कुछ मेसेज आया था कुछ एड दिखाना शुरू था हटा लिया गया अब रैंक शून्य दिखाता है सुझाव हो तो कुछ बताएं
    सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

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  16. Contact No. : 09024390067;; 09413103883

    Postal / Communication Address :---

    Pt. Dayananda Shastri,
    (Editor- Vinayak Vastu Times )
    (R.N.I. No.:- RAJHIN/2008/25671)
    Vinayak vastu Astro Shodha Sansthan,
    Near Old Power House, Kasera Bazar,
    JHALRAPATAN CITY (RAJ.) 326023 INDIA
    ===========================================
    E-Maii:- vastushastri08@gmail.com;vastushastri08hotmail.com;
    -dayanandashastri@yahoo.com; vastushastri08@rediffmail.com;
    ========================================
    Blogs-- 1.- http://vinayakvaastutimes.mywebdunia.com//;;;;
    --- 2.- https://vinayakvaastutimes.wordpress.com///
    --- 3.- http://vinayakvaastutimes.apnimaati.com//;
    ---4.- http://www.mediaclubofindia.com/profile/PtDAYANANDASHASTRI ;;;

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  17. Contact No. : 09024390067;; 09413103883

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    ---4.- http://www.mediaclubofindia.com/profile/PtDAYANANDASHASTRI ;;;;;///

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  18. आपका आभार/ धन्यवाद भाई जी,..आपने मेरे चक्षु खोल दिए यह जानकारी देकर..वर्ना में तो केवल...ब्लॉग लिखता चला जा रहा था जी..थेंक्स यू प्रभु जी...आगे भी ज्ञान देकर मार्गदर्शन करते रहिएगा...पुनः आभार/ स्वागत..आपका अपना--पंडित दयानंद शास्त्री ---Contact No. : 09024390067;; 09413103883

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  19. आपने बहुत उपयोगी जानकारी दी है, धन्यवाद

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  20. योगेन्द्र जी , मैं आप के लेख से असहमत हूँ | पहली बात तो जो आप ने कहा की अधिकतर ब्लॉग को गूगल एक ही डोमेन का समझता है तो ऐसा नहीं है डोमेन भले ही एक ही हो परन्तु सब-डोमेन अलग हैं इस लिए इस बात की कोई समस्या नहीं होती है | दुसरे बात ये की गूगल प्रतिरूप सामग्री को अपने सर्च परिणामो से नहीं हटता है , कुछ समय पूर्व उसने "गूगल पंडा १.१" की सहायता से ऐसा करने का प्रयास किया था परन्तु ऐसा करने से उसके खोज परिणामो का स्तर बहुत अधिक गिर गया था और फिर उसने बाध्य होकर "गूगल पांडा १.२" के आधार पर प्रतिरूपित या दोहराए हुए लेखों को भी दिखाना प्रारंभ कर दिया | तीसरी बात गूगल पेज रँक का लिखी हुई सामग्री के दोहराए जाने से कोई सम्बन्ध नहीं है यह दुसरे कारणों पर निर्भर करती है हाँ अगर ब्लॉग का नाम या ब्लॉग का विवरण मिलाता जुलता होगा तो अवश्य प्रभाव पड़ेगा | अंग्रेजी में लिखा गया एक ही लेख काम से काम ३० स्थानों पर लगाया जाता है और वह सभी ३० स्थानों से गूगल की खोज में भी अता है और सभी की PAGE RANK भी अच्छी है | हिन्दी के ब्लॉग पर गूगल से काम लोगों के आने का कारण यह है की लोग गूगल हिन्दी के शब्दों को खोजते ही नहीं हैं दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है की देवनागरी में लिखने का तरीका ऐसा है की एक ही शब्द को कई प्रकार से लिखा जाता है , जैसे "श्रुति" को अगर कोई व्यक्ति मैक्रोसोफ्ट की किसी तकनीकी की सहायता से लिखेगा तो कुछ अलग आएगा और गूगल का सर्च इन दोनों को दो अलग शब्द समझता है | तीसरा सबसे बड़ा कारण कई बार वर्तनी की अशुद्धियाँ होना होता है |

    तो मुझे नहीं लगता है की एक लेख को कई जगह लगाना गलत है , ऐसा करने से हमारे लेख को अधिक लोग पढेंगे और यह हमारे विचारों का प्रवाह अधिक होगा |

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  21. अफ़सोस की बात है अंकित जी कि आप जैसा व्यक्ति जो कि कम्प्यूटर इंजीनियर भी है ऐसी बातें कहता है,

    जैसा कि मैंने मेरे लेख में बोल ही दिया था कि कुछ लोग मेरी बात मानेंगे नहीं इसलिए अपने लेख में लिंक भी दिया है आप उस लिंक पर जा कर पढ़ सकते हैं|

    इंग्लिश के जिन लेखों का आपने जिक्र किया है क्या आप उनके उदाहरण दे सकते हैं?

    आपके द्वारा बताये गए तीन कारण भी सही हैं, उनके बारे में अपने अगले लेखों में जिक्र करने ही वाला था|

    अंतिम पैराग्राफ आपने क्यूँ लिखा है वह मुझे पता है, यह विचारों के प्रवाह की बात नहीं है, सिर्फ कमेन्ट ज्यादा मिलें उसके लिए लोग ज्यादा ब्लॉग पर पोस्ट लिखते हैं और कोई कारण नहीं है, फेसबुक, ट्विटर, गूगल बज, गूगल+, डिग तथा अन्य सोशल नेट्वर्किंग साइट आपका यह कार्य कर देंगी बेहतर है कि अपने लेख को एक जगह लिखें और इन सोशल नेट्वर्किंग साइट पर उनके लिंक दे दें|

    और किन विचारों के प्रवाह की बात कर रहे हैं आप, कोई भी लेख लिखों उस पर कमेन्ट क्या आएगा? "तेरा धर्म बुरा मेरा धर्म अच्छा" यही ना, कुछ लोग लिखेंगे "बहुत अच्छा, मेरे ब्लॉग पर भी आइये|" ये विचारों का प्रवाह है?

    तकनीकी के जानकार है आप कृपया लोगों को तकनीकी का सही इस्तेमाल सिखाएं उनको बहकाएं नहीं

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  22. योगेन्द्रजी
    बहुत बढ़िया जानकारी देते हुए चेताया है आपने अब भी लोग ना माने तो वे जाने|
    मैंने भी ज्ञान दर्पण.कॉम के बेकअप के लिए वर्डप्रेस पर एक ब्लॉग बना रखा है पर सर्च इंजन पर डुप्लिकेट सामग्री न जाए इसलिए उस पर सर्च इंजन को ब्लोक कर रखा है|

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  23. अच्छी जानकारी दी है, साधुवाद

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