24 अप्रैल 2011

अपने लेख को भविष्य में प्रकाशित करें

यदि आप ब्लोगर हैं तो यह वीडियो जरूर देखें, नीचे दिए गए वीडियो में बताया गया है कि आप अपने लेख को कैसे भविष्य में किसी भी तारिख तथा समय पर स्वतः प्रकाशित करने के लिए स्थापित कर सकते हैं, इसको शेड्यूलिंग कहते हैं|

In this video I show you how to set your blogger post to publish at later time. This is also called scheduling.

इससे होने वाले फायदे-

  1. आप किसी खास तिथि अथवा पर्व के बारे में कुछ लिख कर उस दिन पब्लिश होने के लिए स्थापित कर सकते हैं, भले ही आप उस दिन कम्प्यूटर पर ना बैठ पायें,
  2. नौकरी पेशा व्यक्ति के लिए बहुत ही बेहतर है, सिर्फ शनिवार / रविवार को अपने लेख लिखिए और पूरे हफ्ते के लिए शेड्यूल कर दीजिए,
  3. यदि इंटरनेट की सुविधा आपके पास नहीं है और आप ब्लॉग लिखने के लिए साइबर कैफे पर जाते हैं तो आप अपनी सभी पोस्ट किसी वर्ड प्रोसेसर में लिखिए और साइबर कैफे में जा कर भविष्य के लिए शेड्यूल कर दीजिए,
तो देर किस बात की नीचे दिया गया वीडियो देखिये और अपनी पोस्ट को शेड्यूल करना प्रारंभ कर दीजिए-


हिन्दी ब्लोगिंग में मैंने देखा है कि कुछ ब्लोगर एक ही दिन में 5-6 पोस्ट लिखते हैं, मैं निरंतर जी का उदहारण लूँगा, कल उनकी आठ पोस्ट प्रकाशित हुईं, और सिर्फ 2011 में ही उनकी 699 कवितायेँ प्रकाशित हो चुकी हैं| सामूहिक ब्लोगिंग की तो बात ही ना की जाए तो अच्छा है, अभी कुछ दिनों में थोडा कम हो गया है अन्यथा एक एक दिन में 20 तक पोस्ट सामूहिक ब्लोगों पर प्रकशित हो रही थीं, याद रखिये एक दिन में 2 या अधिकतम 3 पोस्ट करना ठीक रहता है उसके बाद पाठक भी बोर हो जायेगा और सर्च इंजन ऐसे ब्लोगों को स्पामिंग की कैटेगरी में रखते हैं 

यदि आप एक दिन में कई पोस्ट लिखते हैं तो उसको भविष्य के लिए शेड्यूल करना ना भूलें, अंतर आपको खुद दिखाई दे जायेगा|


आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया: मेरे इस ब्लॉग की भारत में अलेक्सा रैंक 90,000 के लगभग आ गयी है, आप सभी के प्यार और सम्मान के लिए शुक्रिया, उम्मीद है आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी से लाभ होता होगा, कमेन्ट की आशा कभी नहीं है, आँकड़े आपके प्यार का सबूत देते हैं, पर यदि कभी कोई तकनीकी समस्या हो तो कमेन्ट में जरूर लिखें, आपकी समस्या का समाधान करने की हर संभव कोशिश करूँगा|

एक खास बात: इस वक्त ब्लोगरों तथा सामूहिक ब्लोगों के लिए एक खास सुविधा प्रदान करने के लिए छात्रों को तैयार कर रहा हूँ, जिसमे ब्लॉग के लिए लोगो, टेम्पलेट, एड बनाना, SEO, मैगजीन बनाना, वेबसाइट बनाना जैसी बुनियादी बातें विद्यार्थियों को सिखा रहा हूँ, यह सभी सुविधाएँ आप सभी को काफी कम मूल्य पर उपलब्ध करवाईं जायेंगी, उम्मीद है आप सहयोग देंगे|

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22 अप्रैल 2011

एक ऐसा लिंक जो आपके ब्लॉग पर पाठक को बनाये रखेगा

मित्रों अपने पिछले वीडियो में मैंने बताया था कि कैसे आप अपने पोस्ट में लिंक बना सकते हैं तथा सम्बंधित लिंक अपने पोस्ट में देने के फायदे के बारे में भी आपको बताया था, पर साधारण लिंक के साथ एक समस्या है,

जब कोई पाठक लिंक पर क्लिक करता है तो वह सम्बंधित लिंक पर तो चला जाता है पर जिस पोस्ट को वह पढ़ रहा होता है वह भी उसके सामने से हट जाती है, और कहीं यदि आपने किसी और के लेख का लिंक दिया होता है तो पाठक आपके ब्लॉग से ही बाहर चला जायेगा|


इस समस्या का समाधान
सिर्फ एक ही समाधान है क्यूँ न ऐसा लिंक बनाया जाए जो दूसरी विंडो अथवा टैब में खुले, जी हाँ यह संभव है उसके लिए आपको लिंक के टैग को सीखना होगा, जो इस वीडियो में सिखाया गया है, उम्मीद है आपको फायदा होगा

दोनों प्रकार के लिंक का HTML कोड नीचे दे रहा हूँ, अंतर देखिये-
साधारण लिंक 
<a href="http://www.apnablog.co.in"> अपना ब्लॉग </a>
दूसरे विंडो में खुलने वाला लिंक
<a href="http://www.apnablog.co.in" target="_blank"> अपना ब्लॉग </a>

अगले वीडियो में देखिये कैसे आप अपने पोस्ट को भविष्य में स्वतः प्रकाशित होने के लिए शेड्यूल कर सकते हैं|

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21 अप्रैल 2011

पोस्ट में लिंक कैसे जोड़ें

नीचे दिए गए वीडियो में बताया गया है कि कैसे आप अपने ब्लॉग के लेखों में आवश्यक लिंक जोड़ सकते हैं

अपने पोस्ट में लिंक बनाने के फायदे-
  1. लेख से सम्बंधित लिंक को अपने लेखों में देने से पाठक को आपके लेख को समझने में आसानी रहती है
  2. अच्छे लिंक देने से आपके लेख का वजन बढ़ता है और गूगल में आपके ब्लॉग की पेज रैंक बढ़ने की संख्या बढ़ जाती है
  3. अपने दूसरे सम्बंधित लेखों के लिंक देकर आप अपने ब्लॉग पर पाठक को काफी देर तक रोक सकते हैं, 
  4. यदि आप दूसरों के लेखों के लिंक देंगे तो पाठक आपके ब्लॉग से दूसरों के ब्लॉग पर जायेगा,  दूसरों को अपने ब्लॉग की गूगल एनालिटिक देखकर पता चल जायेगा कि आपने उनके लेख का लिंक दिया है, तो संभव है कि वो भी आपके ब्लॉग के लेखों का लिंक दें और उनके ब्लॉग से आपके ब्लॉग पर ट्रैफिक आने लगे :)
  5. यकीन मानिये लिंक बना कर आप कमा भी सकते हैं, पर इस मामले में मैं आपके किसी अन्य लेख में बताऊँगा|
उम्मीद है कि लिंक के फायदे आपको समझ में आ गए होंगे और आप अपने लेखों में सम्बंधित लिंक लगाना चाहेंगे, तो देर किस बात की नीचे दिए गए वीडियो को देखकर सीखिए कि लेख में लिंक कैसे बनाया जाता है-


पिछले वीडियो में आपने सीखा था कि कैसे आप अपने ब्लॉग में गूगल एनालिटिक जोड़ें

अगले वीडियो में सीखिए कैसे अपनी पोस्ट में ऐसा लिंक दें जो नई विंडो में खुले, जिससे पाठक आपके ब्लॉग पर भी बना रहे और आपके पोस्ट की उपयोगिता भी बढ़ जाए|

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18 अप्रैल 2011

आपके ब्लॉग के लिए गूगल एनालिटिक्स

नीचे दिए गए वीडियो में बताया गया है कि कैसे आप अपने ब्लॉग में गूगल एनालिटिक्स को जोड़ सकते हैं|

गूगल एनालिटिक्स को अपने ब्लॉग में जोड़ने के फायदे-
  1. गूगल एनालिटिक्स आपको आपके ब्लॉग से सम्बंधित सबसे ज्यादा और सटीक आंकड़े दिखाता है,
  2. किस देश, राज्य, तथा शहर से कितने लोगों ने आपके ब्लॉग को देखा, कहाँ से वो आपके ब्लॉग पर आये,
  3. किन लेखों को पढ़ा गया, किन लेखों को पढ़ कर लोग आपके ब्लॉग से चले गए,
  4. किस साइज की स्क्रीन से, किस तरह की डिवाइस से आपके ब्लॉग को पढ़ा गया,
  5. आपके ब्लॉग के किस लिंक पर कितने क्लिक किये गए,
  6. किस कीवर्ड को सर्च करने पर लोग आपके ब्लॉग पर आये - इत्यादि 
इतने आंकड़े आपके सामने आते हैं कि सभी को यहाँ पर लिखा नहीं जा सकता, पूरी किताब लिखनी पड़ेगी|

उम्मीद है आपको गूगल एनालिटिक्स का महत्त्व समझ में आ गया होगा और आप भी अपने ब्लॉग में गूगल एनालिटिक्स जोड़ना चाहेंगे, तो आपकी सुविधा के लिए मैं वीडियो पेश कर रहा हूँ, देखिये और अपने ब्लॉग से गूगल एनालिटिक्स जोड़ दीजिए |


इस वीडियो से सम्बंधित लिंक:
http://www.google.com/analytics/

पिछले वीडियो में आपने सीखा था कि कैसे आप अपने ब्लॉग को गूगल में सम्मिलित करवा सकते हैं,
अगले वीडियो में देखें कि कैसे आप अपने लेख में आवश्यक लिंक बना सकते हैं -

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15 अप्रैल 2011

गूगल में जमा कराएँ अपना ब्लॉग

नीचे दिए गए वीडियो में आपको बताया गया है कि कैसे आप अपने ब्लॉग को गूगल में जमा करवा सकते हैं,

गूगल में अपना ब्लॉग सम्मिलित करने के फायदे -
  1. गूगल आपके ब्लॉग को इंडेक्स कर लेता है और गूगल सर्च रिजल्ट में आपके इंडेक्स किये गए ब्लॉग के लेख दिखाने लगता है
  2. आप यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि आपके ब्लॉग के किन की-वर्ड को गूगल ने इंडेक्स किया है, यदि आपको लगता है कि ये की-वर्ड सही नहीं हैं तो आप जरूरी कदम उठा सकते हैं
  3. आपके ब्लॉग में तकनीकी समस्या होने पर गूगल में आप पता कर सकते हैं, जो आपको आमतौर पर पता नहीं चलेगा 
  4. गूगल रैंक बढ़ने की सम्भावना बढ़ जाती है 
इसके अलावा कई छुपे हुए फायदे भी हैं, जिनको आप प्रयोग करने पर ही जान पाएंगे, फिलहाल तो यह वीडियो देखें और इस वीडियो में दिखाए अनुसार अपने ब्लॉग को तुरंत गूगल में सम्मिलित करवाएं|


जिस प्रकार गूगल में किसी ब्लॉग को सम्मिलित किया जा सकता है ठीक वैसे ही आप अन्य सर्च इंजन में भी अपने ब्लॉग को सम्मिलित करवा सकते हैं, अधिक जानकारी तथा जरूरी लिंक मयंक जी ने अपने ब्लॉग में दिए हैं, देखें|


वीडियो से सम्बंधित लिंक:
http://www.google.com/addurl
http://www.google.co.in/addurl

अगले वीडियो में देखें कि कैसे आप अपने ब्लॉग में गूगल एनालिटिक्स को जोड़ें, जिससे आप अधिक से अधिक आंकड़े जुटा सकें|

14 अप्रैल 2011

अपना ब्लॉग का नया रूप

आपको अपार हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि "अपना ब्लॉग" में एक छोटा सा प्रयोग किया गया है और उसको एक नये रूप में लाने के बारे में विचार किया जा रहा है, यदि आपको यह नया रूप पसंद आया हो तो कृपया अपनी राय रखें जिससे कि यह बदलाब लागू किया जा सके |

क्या मकसद है इस बदलाब के पीछे- अभी तक जितने भी ब्लॉग एग्रीगेटर आये हैं उन सभी में एक चीज सामान रही है, पोस्टों को पहले पन्ने पर समयानुसार दिखाना और जैसे जैसे नये पोस्ट आते जाएँ इनको अगले पन्नों पर पहुंचा देना, "अपना ब्लॉग" भी इसी तरीके को अपना रहा है|

इस तरीके में समस्या यह होती है कि अधिकतम 30 पोस्ट ही पहले पन्ने पर दिखाई जा सकतीं हैं, उसके बाद इन पोस्टों को आगे भेजना ही होता है जिससे उनके पढ़े जाने की संख्या कम हो जाती है | इस समय "अपना ब्लॉग" पर औसतन 177 पोस्ट प्रतिदिन आतीं हैं और एक पोस्ट पहले पन्ने पर अधिकतम 1 घंटे 30 मिनट ही रह पाती है, जो आने वाले समय में घटती ही जायेगी|

इस नये रूप में पोस्ट को औसतन 5 घंटे (और कुछ स्थितियों में उससे भी ज्यादा) पहले पन्ने पर रहने का मौका मिलेगा जिससे उनके पढ़े जाने की संभावना लगभग 3 गुना बढ़ जायेगी, यह रूप विभिन्न न्यूज बेवसाईट से प्रभावित है, आंकड़े बताते हैं कि इस प्रकार पेज बनाने पर लेख पढ़े जाने की संख्या काफी बढ़ जाती है|
अपना ब्लॉग का नया रूप

इस नये रूप पर आप अपना ब्लॉग के मेनू में "news_alike" आइटम पर क्लिक करके जा सकते हैं |

 यदि आपको यह पेज अच्छा तथा सुविधाजनक लगा है तो अन्य पेज भी इसी प्रकार से बदल दिए जायेंगे, मनोरंजन, विज्ञान, व्यापार, विधि/न्याय, तकनीकी तथा खेल के पेज भी इसी प्रकार से बदल दिए जायेंगे जिससे आपको पढ़ने में सुविधा होगी|

अपनी राय जरूर दें जिससे जरूरी बदलाब किये जा सकें, यदि आप कोई अन्य सुविधा भी चाहते हैं तो बताएं जिससे उस पर कार्य शुरू किया जा सके- धन्यवाद|

04 अप्रैल 2011

सामूहिक ब्लॉग के लिए एक आइडिया


यदि आप सामूहिक ब्लॉग प्रारंभ करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए है, सबसे पहली चीज ये कि किसी समूह की आवश्यकता कब पडती है? जब कोई बड़ा कार्य करना हो तो |
छोटे कार्य तो हम निजी तौर पर कर सकते हैं जब कोई बड़ा कार्य करने की आवश्यकता हो तभी लोगों को एकत्रित करना पड़ता है लोगों को इकठ्ठा करना पड़ता है, योजना बनानी पड़ती है तथा उस योजना को असली जामा पहनाने के लिए कार्य करना पड़ता है|

आप मैं से कई लोगों को मैंने यह कहते हुए सुना है कि हमारा समाज तरक्की नहीं कर पा रहा है, महिलाओं की स्थिती अभी भी बदतर है, शिक्षा में कोई सुधार नहीं है, और भी कई समस्याएं हैं जिन पर समय-समय पर ब्लोगरों की पोस्ट आती रहती हैं, पर अफ़सोस आप कुछ करते नहीं सिर्फ कहते हैं, क्या कहने से किसी समस्या का समाधान होता है? क्या आपने कुछ कार्य प्रारंभ किये हैं?

पिछले कुछ समय में बहुत सामूहिक ब्लॉग बनाये गए, मैं सभी सामूहिक ब्लॉग के संस्थापकों को पूछता हूँ कि क्यूँ उन्होंने यह भीड़ इकठ्ठी की है? क्या किसी सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए वह प्रयासरत हैं? नहीं ना, आपने सभी ब्लॉग नाम कमाने के लिए ही बनाये हैं ना ?

नाम कमाने के लिए कुछ कार्य करना बुरा नहीं होता, सिर्फ नाम कमाने के लिए जब शॉर्टकट लिया जाता है तब वह समाज के लिए अथवा खुद अपने लिए हानिकारक हो जाता है|

कुछ सामजिक समस्याओं पर मैंने गौर किया और सोचा कि किस प्रकार सामूहिक ब्लॉग इन समस्याओं का निदान कर सकते हैं-

महिलाओं की स्थिति: आज समाज में महिलाओं की स्थिति से सभी वाकिफ हैं, यह तो आप सभी जानते हैं कि हमारे देश की महिलाएं कई कलाओं में माहिर होतीं हैं- उदहारण के तौर पर अचार डालना, सिलाई कला, पाक कला, घरेलू साज-सज्जा का सामान ( झूमर, बैठक इत्यादि ) बनाना | मेरी मम्मी 42 तरह के अचार डाल लेतीं हैं, मेरी दादी तो सिर्फ आम के अचार ही कई तरह से डाल लेतीं हैं |

इतनी कला में माहिर होने के वावजूद महिलाये अपनी एक पहचान बनाने के लिए जूझती रहतीं हैं, और एक बात भी है कि आज कल की लड़कियां (बुरा ना माने परिस्थितियां ही ऐसी होतीं हैं ) यह सभी बनाना सीखतीं नहीं हैं तो बहुत सम्भावना है कि यह कलाएं आने वाले ४०-५० सालों में पूरी तरह से लुप्त हो जाएँ और हम हाथ से डाले गए अचार को खाने से महरूम रह जाएँ|

इन कार्यों में सामूहिक ब्लॉग कैसे हमारी मदद कर सकते हैं?


यहाँ पर हमारा उद्देश्य महिलाओं को उनकी पहचान देना तथा इन कलाओं को जीवित रखना है, तो मुख्य उद्देश्य से भटकें नहीं, पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाते हुए ऐसी महिलाएं कम्प्यूटर तथा ब्लोगिंग नहीं सीख सकतीं, अतः उनको सिर्फ किसी भी चीज को बनाने की विधि कागज़ पर लिखने के लिए कहें और आप उनको सामूहिक ब्लॉग पर डालें |

मजे की बात कि इसके लिए ना तो कोई ब्लॉग एग्रीगेटर आपके ब्लॉग को हटाने की बात कहेगा, ना गूगल में आपके ब्लॉग की रैंकिंग पर कोई फर्क पड़ेगा, और सभी आपका दिल खोल कर स्वागत करेंगे वो अलग |

सामूहिक ब्लॉग संचालकों के लिए ध्यान देने लायक बातों में मैंने बताया था कि आप कैसे अपने सामूहिक ब्लॉग की रूपरेखा तैयार करें और किन किन बातों का ध्यान रखें, लेख आप यहाँ पढ़ सकते हैं|
इन नियमों के अलावा कुछ और रूपरेखा आपको इस खास आइडिया के लिए तैयार करनी होंगी |
  • आप (सामूहिक ब्लॉग संस्थापक) अपने मोहल्ले की कुछ महिलाओं से बात करें तथा उनको समझाएं कि ब्लोगिंग का क्या महत्त्व है और इससे किस प्रकार उनका नाम होगा तथा समाज का फायदा होगा| 
  • यदि एक-दो महिलाएं भी मिल जायेंगी तो आपका कार्य हो जायेगा, सिर्फ इतना ध्यान रखना है कि उनको प्रोत्साहन मिलता रहे, कमेन्ट के रूप में, यदि आपका उद्देश्य अच्छा है तो यह कार्य तो हम सभी ब्लोगर मिल कर कर ही देंगे|
  • जब भी कोई कमेन्ट आये तो आप लेखिका को जरूर दिखाएँ, जिससे उनको प्रोत्साहन मिले, और वह अन्य महिलाओं को भी इस मुहिम में शामिल होने के लिए प्रेरित करे|
याद रखें हर बड़े काम की शुरूआत छोटे स्तर से ही शुरू होती है

सामूहिक ब्लॉग संचालकों के लिए विशेष

प्रिय ब्लोगर,

क्या आप कोई सामूहिक ब्लॉग चला रहे हैं ? या चलाना चाहते हैं ? यदि हाँ तो क्या आपने उसके लिए कोई प्लान बनाया या बना रहे हैं? इस पोस्ट में मैं बताने वाला हूँ कि आपको क्या करना चाहिए यदि आप एक सामूहिक ब्लॉग चलाना चाहते हैं अथवा चला रहे हैं-
सामूहिक ब्लॉग एक पत्रिका की तरह होता है, जिस प्रकार कोई भी पत्रिका किसी खास वर्ग के लिए लिखी जाती है ठीक वैसे ही सामूहिक ब्लॉग भी किसी खास वर्ग के लिए लिखा जाना चाहिए |
उदहारण लेते हैं - माना एक पत्रिका आती है "विज्ञान और विज्ञान" माना कि इसका मूल्य २० रु. है, आप दुकान में गए और आपने पहली बार यह पत्रिका देखी और खरीद ली, क्यूंकि आपको लगा कि यह पत्रिका आपको विज्ञान की अच्छी जानकारी देगी | अब आप इत्मीनान से इस पत्रिका को पढ़ने के लिए बैठे और इसमें कुछ इस प्रकार के लेख हैं 
  1. रैम्प पर चलते समय एक मॉडल का टॉप हुआ डाउन टू अर्थ |
  2. मनमोहन ने मैच के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को न्यौता दिया |
  3. विज्ञान को सिखाने के कुछ आसान तरीके |
  4. क्या आपने आज नाश्ता किया ? 
  5. इस माह की मुख्य फ़िल्में - जरूर देखें | 
आपका तो पता नहीं पर मेरा दिमाग इन लेखों को पढ़ कर जरूर खराब हो जायेगा और मैं आगे से "विज्ञान और विज्ञान" लेना बंद कर दूँगा | अरे भाई, यदि मुझे इस तरह के लेख पढ़ने होते तो मैं इसी प्रकार की मैगजीन लेता ना, मैं क्यूँ मेरे २० रु. "विज्ञान और विज्ञान" पर बर्बाद करता ?

पाठकों के इस मनोविज्ञान का ध्यान उस मैगजीन के संपादक, प्रधान संपादक आदि रखते हैं और इसलिए आपको किसी भी सफल मैगजीन के अंदर सिर्फ विषय से सम्बंधित लेख ही मिलेंगे |

अंतरजाल पर समय उतना ही महत्त्व रखता है जितना हमारी जिंदगी में रुपये का महत्त्व है | पाठक कोई भी ऐसी चीज नहीं पढ़ना चाहता जो उसके मतलब की नहीं है, और आपको यह देखना पड़ता है कि आप ऐसा क्या करें कि पाठक आपके सामूहिक ब्लॉग पर ज्यादा समय विचरण करें, या कुल मिला कर आपकी साईट से जाएँ नहीं|

मैगजीन / सामूहिक ब्लोगिंग


मैगजीन तथा सामूहिक ब्लोगिंग में अंतर
  • मैगजीन को तैयार करने में काफी मेहनत करनी पडती है पर सामूहिक ब्लॉग को तैयार करना बहुत आसान होता है
  • मैगजीन को उसके अंजाम तक पहुँचाने में बहुत धन खर्च होता है पर सामूहिक ब्लॉग में धन ना के बराबर खर्च होता है 
  • मैगजीन से संस्थापकों को आर्थिक लाभ होता है पर सामूहिक ब्लोग संचालकों को फायदा नहीं होता (हालांकि यह एक भ्रम है, जिसको अपने किसी अन्य लेख में तोडूंगा)
  • मैगजीन में लिखने वाले लेखकों को रु. मिलते हैं पर सामूहिक ब्लॉग में लिखने वाले ब्लोगरों को किसी प्रकार का आर्थिक लाभ नहीं होता (एक भ्रम)
  • मैगजीन में कोई भी लेख लिखे जाने से पहले कई नज़रों से होकर गुजरता है, सामूहिक ब्लोगों पर लेख प्रकाशित होने से पहले सिर्फ लेखक ने पढ़ा होता है :( 
  • मैगजीन में एकरूपता का ध्यान रखा जाता है पर सामूहिक ब्लॉग पर लेखक फॉण्ट के आकार, रंग इत्यादि का उचित प्रयोग नहीं करते 
मैगजीन तथा सामूहिक ब्लॉग में समानताएं   
  • दोनों को सफल बनाने के लिए संस्थापक तथा टीम के अन्य सदस्यों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है | बस ध्यान यह रखना पड़ता है कि यह मेहनत घोड़े वाली होनी चाहिए गधे वाली नहीं |
  • दोनों को सफल बनाने के लिए लेखकों को अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करते रहना पड़ता है |

क्या करें सामूहिक ब्लॉग संस्थापक

पाठक वर्ग निश्चित करें

सामूहिक ब्लॉग के पाठक कौन होंगे यह निश्चित कर लें, याद रखें यह ना सोचें कि सभी इंटरनेट उपभोक्ता आपके पाठक होंगे क्यूंकि यह संभव नहीं है उदाहरण के तौर पर मैंने आज तक कभी भी अभिनय कैसे करें विषय पर कोई लेख नहीं पढ़ा है, क्यूंकि यह मेरा मनपसंद क्षेत्र नहीं है आप भी यदि सोचेंगे तो पायेंगे कि आप भी कुछ खास चीजें पढ़ना ही पसंद करते हैं, कोई कविता, कहानी, गजल ज्यादा पढता है, किसी को समाचार ज्यादा पसंद होते हैं, कोई सिर्फ धार्मिक लेख पढ़ना ही पसंद करता है, कोई व्यंग्य पढ़ना पसंद करता है, कोई मनोरंजक सामग्री को खोजता है| उम्मीद है कि आपको यह समझ में आ गया होगा कि आपको किसी खास वर्ग के पाठकों के लिए लिखना होगा|

जरूरी नियुक्तियां करें

अब कुछ न्युक्तियाँ करें जिसमें आपके (प्रबंधक) अलावा संपादक, सह-संपादक, प्रूफ-रीडर, अनुवादक तथा तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हों क्यूंकि आगे के सभी कार्य आप सभी मिल कर ही कर सकते हैं

श्रेणी / कॉलम निर्धारित करें

अब जब आपने लिखने के लिए कोई खास वर्ग चुन ही लिया है तो अगला कार्य है कुछ दिलचस्प कॉलम निर्धारित किये जाएँ जैसे कि "क्या आप जानते हैं", "ऐसा भी होता है", "प्रथम महिला / पुरुष", "अजीबोगरीब" इत्यादि, बाकी आपकी रचनात्मक क्षमता पर निर्भर करता है कि आप कैसे अच्छे - अच्छे कॉलम बनाते हैं | अब आते हैं श्रेणियों पर लगभग हर क्षेत्र में आपको बहुत श्रेणियाँ मिल ही जायेंगी जैसे कि यदि तकनीकी क्षेत्र को ले लिया जाए तो इसमें गैजेट, मोबाइल, इंटरनेट, ऑपरेटिंग सिस्टम, लैपटॉप इत्यादि आ सकते हैं ठीक ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में भी श्रेणियाँ निर्धारित की जा सकती हैं|

नियम निर्धारण

अब नियम निर्धारित कीजिये जिसमें तकनीकी, नैतिक तथा कानूनी नियम शामिल होने चाहिए| सभी महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किये गए व्यक्तियों के लिए कार्य का निर्धारण कीजिये|

आमंत्रण पत्र तैयार किया क्या ?

सभी अब एक बढ़िया सा आमंत्रण पत्र तैयार कीजिये जिसमें आपके सामूहिक ब्लॉग के लिए निश्चित किये गए सभी नियम, उद्देश्य, महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किये गए व्यक्तियों की सूची होनी चाहिए| अब ब्लॉगजगत में देखिये कि कौन से लेखक आपके सामूहिक ब्लॉग में शामिल होने के लिए उपयुक्त हैं, उन सभी को यह निमंत्रण पत्र भेज दीजिए कोशिश कीजिये कि प्रारंभ में 10 से अधिक लेखक ना हों |

दंड तथा प्रोत्साहन

लेखक जो आपके सामूहिक ब्लॉग के लिए लिख रहे हैं आप उनको कैसे प्रोत्साहित करेंगे यह सोचिये,  जैसे कि उनके ब्लॉग के लिंक को सामूहिक ब्लॉग पर स्थान देना, माह के अंत में सर्वश्रेष्ठ लेखक इत्यादि की घोषणा कीजिये| याद रखिये कि जब कोई लेखक नियम भंग करता है तो उसको दंड कैसे देना है जैसे कि सदस्यता निष्कासित करना इत्यादि |

कुछ हट कर

क्या आपने कुछ हट कर किया? जैसे कितना अच्छा हो कि आप माह के अंत में एक ई-पत्रिका प्रकाशित करें जिसमें उस माह में लिखे गए सभी अच्छे लेखों को स्थान दिया जाए| प्रति माह ई-पत्रिका प्रकाशित करना ना सिर्फ आपके सामूहिक ब्लॉग की लोकप्रियता को बढ़ाएगा बल्कि इससे वो लोग भी लेखों को पढ़ पाएंगे जिनके पास इंटरनेट नहीं है अथवा कभी-कभी ही इंटरनेट का प्रयोग कर पाते हैं, कुछ इस तरह की ई-पत्रिका आप हर माह प्रकाशित कर सकते हैं

अगले लेख में पढ़ें "सामूहिक ब्लॉग चलाने के लिए कुछ जबरदस्त आइडिया"|

03 अप्रैल 2011

क्या आप एक से ज्यादा ब्लॉग पर एक ही लेख लिखते हैं ?

नमस्कार ब्लोगरों,

मैंने कुछ ब्लोगरों को हमेशा शिकायत करते हुए पाया है, कभी ब्लॉग एग्रीगेटरों से कभी गूगल, याहू से | एक ब्लोगर की शिकायत थी कि
फलां ब्लोगर ने मात्र ५ लेख लिखे हैं उसके बाबजूद उसके पेज को गूगल ने २ रैंक दे दी है और मेरे ब्लॉग पर प्रतिदिन कई ब्लॉग प्रकाशित होते हैं फिर भी मेरे पेज की रैंकिंग अभी तक जीरो ही है |
संभव है कि आपके साथ भी यही समस्या हो | असल में इस समस्या के पीछे एक तकनीकी कारण है किसी प्रकार का भेदभाव नहीं, और संभव है कि आपको तकनीकी जानकारी ना हो और आपकी गलतियों की वजह से गूगल आपके पेज की रैंक ना बढ़ा पा रहा हो|
असल में मुझे किसी के ब्लॉग से कोई दिक्कत नहीं है, पेज रैंक बढे न बढे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता पर इससे हिन्दी को नुकसान होता है| आज की तारीख में सबसे ज्यादा हिन्दी डाटा हिन्दी ब्लोगों के जरिये ही उत्पन्न हो रहा है पर उससे सर्च इंजनों की नजर में हिन्दी की महत्वता नहीं बढ़ रही है क्यूंकि पूरा का पूरा डाटा एक कूड़े के रूप में अंतरजाल पर जमा हो रहा है और उससे पैटर्न बना पाना मुश्किल हो रहा है| यही कारण है कि अभी तक गूगल एडसेंस हिन्दी के ब्लोगों को सही एड प्रदान नहीं कर पा रहा है तथा गूगल एडवर्ड हिन्दी के कीवर्ड के बारे में कोई आंकड़े नहीं जुटा पा रहा है|
यूँ तो इन बातों के कई कारण होते हैं, इनमें से एक कारण है डुप्लिकेट सामग्री : आप में से कुछ मेरी बात नहीं मानेंगे इसलिए यह लिंक दे रहा हूँ, इस बारे में पूरी जानकारी आप यहाँ पर पा सकते हैं , इस लिंक पर जो भी दिया गया है उसको में आपको अपने शब्दों में समझा रहा हूँ, उम्मीद है आपको समझने में आसानी होगी

डुप्लिकेट सामग्री से क्या होता है और सर्च इंजन को इनसे क्या नुकसान होता है ?
मान लेते हैं कि आपको गूगल में ताजमहल ढूँढना है तो यदि कोई ऐसी बेबसाइट है जो कि सिर्फ ताजमहल से ही सम्बंधित है जैसे कि http://www.tajmahal.com, तो जाहिर है कि इस साइट में सिर्फ और सिर्फ ताजमहल से सम्बंधित बहुत जानकारी होगी यह भी संभव है कि इस साईट के लगभग हर पेज पर ताजमहल कीवर्ड आता हो | ऐसी स्थिति में यदि आपके सर्च करने पर गूगल सिर्फ इसी साईट के ५०-७० पन्नों को अपने सर्च रिजल्ट में टॉप पर दिखाए पर याहू सिर्फ एक रिजल्ट इस साईट से दिखाए तथा बाकी रिजल्ट अन्य साईट से दिखाए जिसमे ताजमहल शब्द का प्रयोग किया गया हो, तो अगली बार आप भूल कर भी गूगल पर सर्च नहीं करेंगे और गूगल बंद हो जायेगा| इसलिए सर्च इंजन डुप्लिकेट सामग्री को महत्त्व नहीं देते|

क्या करते हैं सर्च इंजन डुप्लिकेट सामग्री से बचने के लिए?
जब भी किसी सर्च इंजन को डुप्लिकेट सामग्री मिलती है (एक वाक्य भी) तो सर्च इंजन यह मानता है कि लेखक ने अपने पेज की रैंकिंग बढ़ाने के लिए तथा सर्च इंजन के प्रयोक्ताओं को सही सर्च से भटकाने के लिए इस सामग्री को एक से ज्यादा जगह पर लिखा गया है ऐसा होने पर सर्च इंजन उस पेज की रैंक को ना सिर्फ कम करता है बल्कि अपनी लिस्ट से हर उस पेज को भी हटा देता है, जिस पर डुप्लिकेट सामग्री होती है, जिस स्थिति में आपका पेज सर्च इंजन में दिखाई ही नहीं देगा भले ही पूरा का पूरा लेख ही क्यूँ ना सर्च कर लिया जाए |

एक बात याद रखिये कि अधिकतर ब्लोगर या तो blogger.com का प्रयोग करते हैं अथवा wordpress.com पर लिखते हैं, अतः इन पर लिखी जाने वाली सामग्री सर्च इंजन में एक ही डोमेन के नाम से सम्मिलित की जाती है, जिससे सर्च इंजन को यह भ्रम होता है कि एक ही डोमेन पर कई बार सामग्री को डुप्लिकेट किया जा रहा है, और इसका नतीजा सभी ब्लोगों को भुगतना पड़ता है |

मैंने कई ब्लोगरों को अपने ब्लॉग में यह लिखे हुए देखा है कि हम हिन्दी की सेवा करना चाहते हैं इसलिए हिन्दी में लिखते हैं तो याद रखिये - यदि आप सच में हिन्दी की सेवा करना चाहते हैं तो एक ही लेख को कई जगह मत लिखिए | यह आपके लिए औरों के लिए तथा हिन्दी के लिए अच्छा होगा और यदि हर ब्लोगर इन नियमों का पालन करने लगे तो जिस दर से आज लेख लिखे जा रहे हैं उस हिसाब से वह दिन दूर नहीं जब हिन्दी के लिए भी एड उपलब्ध होने लगेंगे और हिन्दी के ब्लोगर गरीब नहीं रहेंगे |

उम्मीद है आपको समझ में आया होगा कि डुप्लिकेट सामग्री कितनी खतरनाक होती है, अगले लेख में बताया जायेगा कि आप कैसे अपने ब्लॉग को गूगल में सम्मिलित करें | पर सम्मिलित करने से पहले यह जरूर ध्यान दें कि कहीं आपका ब्लॉग डुप्लिकेट सामग्री से भरपूर तो नहीं है क्यूंकि ऐसा होने पर आपके ब्लॉग को गूगल से ब्लोक कर दिया जायेगा और एग्रीगेटरों पर तो आपको दुबारा अपना ब्लॉग सम्मिलित करने का मौका मिल भी सकता है पर गूगल पर दुबारा छः महीने से पहले नहीं मिलेगा | तो यदि आप एक से ज्यादा ब्लॉग पर एक ही लेख लिखते हैं तो अब भी मौका है संभल जाइये :)

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