24 मार्च 2013

MP3 से वीडियो बिना ज्यादा मेहनत किये

कल जो पोस्ट मैंने की थी उसमें पोडकास्ट बनाने वाले ब्लोगरों को टेढ़ा मेढ़ा हल सुझाया था, पर उस सुलझन में एक उलझन भी थी।

वह उलझन रवि रतलामी जी ने कमेन्ट में लिख भी दी। तो पेश है उस उलझन की सुलझन :)

उलझन क्या है? हमारे पास एक MP3 फ़ाइल है, इस MP३ फ़ाइल को यू-ट्यूब पर अपलोड करना है पर यू-ट्यूब तो MP३ फ़ाइल अपलोड करने ही नहीं देता।

सुलझन: किसी तरह से इस MP३ फ़ाइल को वीडियो में बदल दीजिये, इसके लिए एक वीडियो एडिटर का प्रयोग करते हुए कुछ इमेज जोड़ दीजिये और बदल गया ऑडियो वीडियो में :)

पर वीडियो एडिटर पर काम करना भी सरदर्द होता है खास तौर पर तब जब हम व्यस्त हों। पर आजकल ऐसी वेबसाईट हैं जो आपके इस काम को बिना परेशानी के कर देंगी आपको सिर्फ एक इमेज और ऑडियो अपलोड करना है, और अपने यू-ट्यूब अकाउंट को एक्सेस करने की परमिशन देनी है बस वीडियो बन कर अपने आप आपके यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड हो जायेगा।

अब बारी है इन वेबसाईट के बारे में जानने की-

मैं आपको एक वेबसाईट बताऊँगा क्यूंकि मैंने उसको प्रयोग करके देखा है- वेबसाईट है ट्यून्स-टू-ट्यूब यानी-

काम करना बहुत आसान है, एक बटन दी हुई है इस वेबसाईट पर उसे दबाइए और यू-ट्यूब अकाउंट को एक्सेस करने की अनुमति दे दीजिये। बस फिर तो ऑडियो और इमेज अपलोड करनी है और हो गया  आपका काम :)

ऐसी ही और भी बहुत सी वेबसाईट हैं जिनकी जानकारी आपको यहाँ मिल जायेगी। वैसे आप यदि किसी और टूल के बारे में जानते हैं तो कमेन्ट में हमें भी बताएं।

कैसी लगी जानकारी? 

23 मार्च 2013

मेरा ब्लॉग सुनो

कमाल का टाइटल है, है ना? मेरा ब्लॉग सुनो, भला ऐसा भी होता है क्या ब्लॉग पढ़ा तो जाता है पर सुना भी जाता है क्या?

आपके इस प्रश्न का मेरा उत्तर है हाँ, क्यूँ नहीं ब्लॉग भी सुना जा सकता है बशर्ते उसे कोई सुनाने बाला हो। तो सवाल यह है कि कोई सुनाएगा क्यूँ? पर उससे पहले सवाल यह है कि कोई सुनाये ही क्यूँ? अच्छा एक बात बताइये आपकी जिन्दगी की पहली कहानी आपने पढी थी या सुनी थी? भई मैंने तो सुनी थी, पढी तो उसके लगभग ४-५ साल बाद थी :)

अब मेरा दूसरा सवाल यह है कि आपको कहानी सुनने में ज्यादा मजा आता है या पढने में? आपका मुझे नहीं पता पर मुझे सुनने में मजा ज्यादा आता है, चाहे वो मैं मेरे गाँव के बुजुर्गों से सुनूँ या मेरे पापा जी से, और सुनने का यह मजा कहानी तक ही सीमित नहीं है, कविता सुनने का मजा तो उसे पढने के मुकाबले बहुत ज्यादा होता है।

जब हम कोई कहानी और कविता किसी से सुनते हैं तो उसमें रस ही अलग होता है, और कविता पढने में तो कई बार अर्थ का अनर्थ ही हो जाता है, किस्से हमेशा से ही सुने जाते रहे हैं, चुटकुले पढने में वह मजा कभी नहीं आता जो उसे सुनने-सुनाने में आता है।

अब आप कहेंगे कि मैं सुनने-सुनाने की इतनी वकालत क्यूँ कर रहा हूँ? वो इसलिए क्यूंकि मुझे इसमें फायदा दिखाई दे रहा है। किस तरह का फायदा? अभी बता देता हूँ-

हिन्दी का फायदा- हिन्दी में आप लिखते हैं, मैं भी हिन्दी में लिखता हूँ। कुछ ब्लोगिंग प्लेटफोर्म की मदद से हमारे हिन्दी के यह ब्लॉग सालों-साल यहाँ रहने बाले हैं, यह भी अच्छी बात है। पर हमारे ब्लॉग ब्लोगरों के अलावा कितने लोग पढ़ते हैं? शायद ५०-१०० लोग और पढ़ लेते होंगे। इसके पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं पर एक कारण यह भी है कि पूरा भारत हिन्दी पढ़ नहीं पाता, मैं ऐसा इसलिए कह सकता हूँ क्यूंकि मेरे हिन्दी के वीडियो ट्यूटोरियल भारत के हर राज्य से खरीदे जाते हैं, जिनमे टेक्स्ट इंग्लिश में लिखा होता है और मेरी आवाज हिन्दी में होती है, एक बार मैंने अपने वीडियो में हिन्दी में लिखा भी और आवाज भी हिन्दी में रखी तो मेरे वीडियो पर कमेन्ट कुछ इस तरह से आये

पर ये लोग हिन्दी को सुन कर समझ लेते हैं ( यह शायद हमारी फिल्मों की मेहरबानी है ). तो हम यदि ब्लॉग को सुना सकें तो हम अपनी बात को और ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते हैं। यदि हम ऐसा कर पाए तो हो सकता है वह बीता हुआ किस्से-कहानियों का दौर फिर से लौट आये :)

ब्लोगरों का फायदा: ब्लोगरों के लिए असली फायदा तो यही है कि हमारी बात ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे पर आर्थिक फायदा भी हो सकता है जो इस समय हिन्दी के ब्लॉग से नहीं हो पा रहा है।

कैसे सुना सकते हैं हम अपने ब्लॉग को? अपने ब्लॉग को सुनाने का तरीका बहुत आसान है, आप सभी के पास कम्प्युटर है, कुछ ब्लोगरों के पास तो स्मार्ट-फोन भी है, तो अपनी अपनी डिवाइस में अपने ब्लॉग को पढ़ते हुए ऑडियो रिकोर्ड कर लीजिये, रिकोर्ड करते समय अपने ब्लॉग को वैसे ही पढ़िए जैसे आप किसी को अपना लेख सुना रहे हों। बस हो गया काम आपके पास एक mp३ फ़ाइल आ जायेगी, अब अगली समस्या है की इस ऑडियो फ़ाइल का क्या किया जाए? कैसे इसे अपने ब्लॉग पर अटैच करें जिससे लोग ब्लॉग को पढने के साथ-साथ सुन भी सकें। 

इस ऑडियो फ़ाइल को अटैच करने की समस्या नई नहीं है, यह ब्लोगरों के लिए हमेशा से सरदर्द रहा है। कुछ ब्लोगर divshare का प्रयोग करते हैं पर अभी कुछ माह से divshare में कुछ समस्या आ रही है, इसके आलावा बहुत सी ऐसी वेबसाईट हैं जो ऑडियो फ़ाइल को शेयर करने की सुविधा देतीं हैं पर समस्या यह है की इनमें से अधिकतर मुफ्त नहीं हैं, और जो रुपये लेतीं है वो भी माह के हिसाब से लेतीं हैं और वो भी डॉलर में, जिससे ब्लोगरों की समस्या बढ़ जायेगी।

इस समस्या का समाधान मैंने करने की कोशिश की मेरे VPS में 50GB स्पेस है जिसमें से सिर्फ 20GB ही मैं प्रयोग में ला पाता हूँ कुछ माह पहले मैंने सोचा की क्यूँ ना मैंने अपने सर्वर पर ऑडियो फ़ाइल को रखने की सुविधा ब्लोगरों को दे दूं, तो थोडा प्लान करके मैंने merablogsuno.com नाम से एक डोमेन नेम बुक करवा लिया और वेबसाईट भी तैयार कर ली, अभी इस पर सिर्फ 10 ऑडियो ही अपलोड हो पाए थे की सर्वर की मेमोरी कम पड़ने लगी क्यूंकि यह ऑडियो स्ट्रीम हो रहे थे, मुझे यह तो पता था कि सर्वर पर लोड बढेगा पर इतनी जल्दी जबाब दे जायेगा इसकी उम्मीद नहीं थी। 

सर्वर के जबाब देने के बाद मैं फिर वहीँ आ गया जहाँ से चला था यानी कि समस्या अब भी जस की तस ऑडियो को कहाँ रखा जाए जिससे ब्लॉग पर उसको अटैच किया जा सके और साथ ही लम्बे समय तक कोई समस्या न आये। बहुत से ऑप्शन तलाशने के बाद भी मैं संतुष्ट नहीं हुआ। आखिरकार इस समस्या का एक समाधान मुझे मिला जो थोडा टेढ़ा है पर क्या हुआ, आखिर जूही भी कह चुकीं हैं की टेढ़ा है पर मेरा है :)

ऑडियो ब्लोगिंग के लिए टेढ़ा आइडिया
  • ऑडियो बनायें, 
  • ऑडियो को किसी वीडियो एडिटर में खोलें, अपने ऑडियो से सम्बंधित एक इमेज को चुनें (एक से ज्यादा भी चुन सकते हैं, इमेज का आकार 1280 x 720 px हो तो बेहतर है), 
  • अब इन इमेज और ऑडियो को जोड़ कर एक वीडियो बना लें
  • इस वीडियो को यू-ट्यूब पर पोस्ट करें
इस तरीके से मैंने अर्चना चाव जी का एक ऑडियो यू-ट्यूब पर पोस्ट किया नतीजा ये रहा-

है ना मजेदार? अगर सभी ऑडियो इस तरह से पोस्ट किये जाएँ तो हमें किसी और सर्विस के लिए रुपये नहीं खर्च करने पड़ेंगे। अब जो बाकी काम रह गया वो इन सभी पोडकास्ट को ब्लोगरों की किसी वेबसाईट पर दिखाने का तो वो तो मैं वैसे भी कर ही रहा हूँ- देखिये merablogsuno.com

ये तो ऑडियो की समस्या का समाधान हो गया अब एक और समस्या का समाधान करते हैं जो है ब्लोगरों का छोटे-छोटे समूह में बंट जाना। यदि आप पोडकास्ट बनाते हैं या बनाना चाहते हैं तो आप यह ऊपर बताये गए तरीके से यह काम कर सकते हैं, पर मैं चाहता हूँ की हम ग्रुप में यह काम करें मतलब हम एक ही यू-ट्यूब चैनल बनाएं, एक ही वेबसाईट पर सभी पोडकास्ट पोस्ट की जाएँ, जिससे हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पोडकास्ट पहुंचा सकें। 

एक यू-ट्यूब चैनल होगा तो ज्यादा से ज्यादा सब्स्क्राइबर होंगे। एक वेबसाईट होगी तो पाठक एक ही जगह पर सभी पोडकास्ट सुन / देख सकते हैं। मार्केटिंग / मेंटेनेंस में खर्च कम होगा और साथ ही एड मिलने की संभावना भी बढ़ जायेगी।

इस मामले में आपका क्या कहना है?

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